अब आधार से जुड़ेंगे मतदाता पहचान पत्र, चुनाव आयोग ने लिया बड़ा फैसला

मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और केंद्रीय गृह सचिव की बैठक में निर्णय लिया गया कि अब मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार कार्ड से जोड़ा जाएगा। इस कदम से डुप्लीकेट वोटर कार्ड की समस्या का समाधान होगा।

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Jitendra Shrivastava
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भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार कार्ड से जोड़ने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ समेत कई उच्च अधिकारियों ने भाग लिया।

चुनाव प्रक्रिया होगी व्यवस्थित

इस फैसले के अनुसार, अब प्रत्येक मतदाता को अपना वोटर आईडी, आधार कार्ड से लिंक करना होगा। इस प्रक्रिया को संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत किया जाएगा, जो भारत के चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित करने का अधिकार देता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ अब इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए चर्चा करेंगे।

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संविधान में हैं प्रावधान

भारत का संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 में भी यह प्रावधान किया गया है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है। इसमें चुनाव आयोग मौजूदा और भविष्य के मतदाताओं से स्वैच्छिक रूप से आधार नंबर देने के लिए कह सकता है। 
यह कानून स्वैच्छिक आधार पर मतदाता सूची को आधार डाटाबेस से जोड़ने की अनुमति देता है। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और डुप्लीकेट वोटर कार्ड (EPIC) की समस्या का समाधान होगा।

विपक्ष का विरोध और आयोग का कदम

विपक्ष ने इस मुद्दे पर तीव्र आपत्ति जताई थी, खासकर डुप्लीकेट वोटर कार्ड के मुद्दे को लेकर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे उठाया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया कि वह अगले तीन महीनों में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र की समस्या का समाधान कर लेगा। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने आधार से लिंकिंग पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी।

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आधार से लिंकिंग का उद्देश्य

इस कदम का मुख्य उद्देश्य वोटर पहचान (Voter Identity) की सटीकता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाना है। जब आधार से मतदाता पहचान पत्र जुड़ जाएगा, तो इससे कई लाभ होंगे...  

  • डुप्लीकेट वोटर कार्ड की समस्या का समाधान होगा।  
  • मतदाता सूची में सुधार होगा और फर्जी मतदाताओं को रोका जाएगा।  
  • चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।

FAQ- अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र लिंक करने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
आधार कार्ड से मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को लिंक करने का मुख्य उद्देश्य डुप्लीकेट वोटर कार्ड की समस्या को खत्म करना और चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ाना है। इससे फर्जी वोटिंग को भी रोका जा सकेगा।
क्या यह प्रक्रिया स्वैच्छिक होगी या अनिवार्य?
इस प्रक्रिया को स्वैच्छिक आधार पर किया जाएगा। चुनाव आयोग ने कहा है कि मतदाताओं से स्वेच्छा से आधार नंबर देने की मांग की जाएगी। हालांकि, इसे अनिवार्य बनाने के लिए आगे नियम बनाए जा सकते हैं।
कांग्रेस और विपक्ष ने इस फैसले पर क्यों आपत्ति जताई?
विपक्ष ने डुप्लीकेट वोटर कार्ड के मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग पर सवाल उठाए थे। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इसे लेकर गंभीर चिंता व्यक्त की थी। विपक्ष का कहना था कि इससे नागरिकों की गोपनीयता (privacy) पर असर पड़ सकता है, जबकि चुनाव आयोग ने इसका समाधान करने का आश्वासन दिया है।

 

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