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voter-id-aadhaar-linking Photograph: (thesootr)
भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए मतदाता पहचान पत्र (EPIC) को आधार कार्ड से जोड़ने का निर्णय लिया है। यह निर्णय मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में हुई बैठक में लिया गया। बैठक में केंद्रीय गृह सचिव, विधायी विभाग के सचिव और यूआईडीएआई के सीईओ समेत कई उच्च अधिकारियों ने भाग लिया।
चुनाव प्रक्रिया होगी व्यवस्थित
इस फैसले के अनुसार, अब प्रत्येक मतदाता को अपना वोटर आईडी, आधार कार्ड से लिंक करना होगा। इस प्रक्रिया को संविधान के अनुच्छेद 326 के तहत किया जाएगा, जो भारत के चुनाव प्रक्रिया को व्यवस्थित करने का अधिकार देता है। भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) और चुनाव आयोग के तकनीकी विशेषज्ञ अब इस प्रक्रिया को लागू करने के लिए चर्चा करेंगे।
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संविधान में हैं प्रावधान
भारत का संविधान और जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 23 में भी यह प्रावधान किया गया है कि मतदाता पहचान पत्र को आधार कार्ड से जोड़ने की अनुमति दी जा सकती है। इसमें चुनाव आयोग मौजूदा और भविष्य के मतदाताओं से स्वैच्छिक रूप से आधार नंबर देने के लिए कह सकता है।
यह कानून स्वैच्छिक आधार पर मतदाता सूची को आधार डाटाबेस से जोड़ने की अनुमति देता है। इससे चुनाव प्रक्रिया में पारदर्शिता बढ़ेगी और डुप्लीकेट वोटर कार्ड (EPIC) की समस्या का समाधान होगा।
विपक्ष का विरोध और आयोग का कदम
विपक्ष ने इस मुद्दे पर तीव्र आपत्ति जताई थी, खासकर डुप्लीकेट वोटर कार्ड के मुद्दे को लेकर। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भी इसे उठाया था। इसके बाद चुनाव आयोग ने यह स्पष्ट किया कि वह अगले तीन महीनों में डुप्लीकेट मतदाता पहचान पत्र की समस्या का समाधान कर लेगा। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ने आधार से लिंकिंग पर चर्चा के लिए बैठक बुलाई थी।
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आधार से लिंकिंग का उद्देश्य
इस कदम का मुख्य उद्देश्य वोटर पहचान (Voter Identity) की सटीकता और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को बढ़ाना है। जब आधार से मतदाता पहचान पत्र जुड़ जाएगा, तो इससे कई लाभ होंगे...
- डुप्लीकेट वोटर कार्ड की समस्या का समाधान होगा।
- मतदाता सूची में सुधार होगा और फर्जी मतदाताओं को रोका जाएगा।
- चुनावी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता बढ़ेगी।