Raipur. छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब और कोयला घोटाला मामले में परिवर्तन निदेशालय ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में दो अलग-अलग फिर दर्ज कार्रवाई है। शराब घोटाले मामले में तत्कालीन आबकारी मंत्री कवासी लखमा, तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल के बेहद करीबी विजय भाटिया, अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, निरंजन दास, रतन प्रिया मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ 20 आबकारी विभाग के अधिकारी कर्मचारी और छत्तीसगढ़ डिस्टलरी भाटिया वाइन एवं मर्चेंट, मेसर्स वेलकम डिस्टलरी मेजर्स, ए ढेबर बिल्डकॉन, छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव और रेरा के अध्यक्ष रहे विवेक ढांड के साथ अज्ञात कांग्रेस के पदाधिकारी गण समेत 70 नामजद एवं अन्य के खिलाफ FIR दर्ज की गई है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत दर्ज FIR
शराब मामले में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा 7 और 12 के साथ आईपीसी की धारा 420, 467, 468, 471 और 120 बी प्रभावी है। यह फिर 17 जनवरी 2024 को दर्ज की गई है जिसका अपराध क्रमांक 4/2024 है। शराब घोटाले मामले में ईडी ने एसीबी द्वारा दर्ज FIR में यह बताया है कि अनिल टुटेजा, अनवर ढेबर, अरुणपति त्रिपाठी सिंडिकेट के रूप में काम कर रहे थे। अनवर ढेबर के सहयोगी विकास अग्रवाल उर्फ सूब्बू, अरविंद सिंह, संजय दीवान, देसी शराब आश्वनी के मालिक और विभिन्न जिलों और मुख्यालय में पदस्थ आबकारी अधिकारियों के साथ मिलकर राज्य में शराब की बिक्री में अवैध कमीशन की उगाही कर रहे थे और बिना हिसाब के मदिरा को सरकारी मदिरा दुकानों में सप्लाई कर रहे थे। इससे सरकार को लगभग 2161 करोड रुपए की सीधी क्षति हुई।
कोयला घोटाला मामले में 35 नामजद
प्रवर्तन निदेशालय में कोयला घोटाला मामले में एसीबी में जो FIR दर्ज करवाई है। उसमें 35 नामजद है और शेष अन्य के रूप में दर्ज हैं। इनमें जो आरोपी हैं उनमें सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी, राम गोपाल अग्रवाल (जो PCC के कोषाध्यक्ष भी है), भिलाई के विधायक देवेंद्र यादव, कांकेर के तत्कालीन विधायक शिशुपाल शोरी, कांग्रेस प्रवक्ता आरपी सिंह, विनोद तिवारी तत्कालीन मंत्री अमरजीत भगत, तत्कालीन विधायक चंद्रदेव राय, तत्कालीन विधायक बृहस्पति सिंह, उर्दू कमेटी के अध्यक्ष इदरीश गांधी, तत्कालीन विधायक गुलाब कमरो, तात्कालिक विधायक यू डी मिंज, सुनील अग्रवाल के नाम शामिल है।
FIR में क्या दर्ज हैं?
प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाले की FIR में यह बताया है कि सूर्यकांत तिवारी, सौम्या चौरसिया, समीर बिश्नोई एवं अन्य आरोपियों ने कोयला लेवी स्कैम में 500 करोड़ से ऊपर का घोटाला किया है। छत्तीसगढ़ के रायगढ़, कोरबा, सूरजपुर में जैसे कोयला से जुड़े क्षेत्रों में जिला खनिज अधिकारियों द्वारा खनिज निदेशालय से जारी मैन्युअल डियो और परमिट को आधार बनाकर कोयला ट्रांसपोर्टर्स से 25 रूपए टन के हिसाब अवैध वसूली करते थे। सूर्यकांत तिवारी के लिए रायपुर क्षेत्र में रोशन सिंह और निखिल चंद्राकर, सूरजपुर में राहुल सिंह और वीरेंद्र जायसवाल, बिलासपुर में पारख कुर्रे और चंद्रप्रकाश जायसवाल, रायगढ़ में नवनीत तिवारी और कोरबा मोइनिद्दीन कुरैशी इस लेव्ही के षड्यंत्र को खनिज अधिकारियों के साथ मिलकर करवाते थे। इस घोटाले में सौम्या चौरसिया, रानू साहू, सूर्यकांत तिवारी सीधे तौर पर शामिल थे और संचालित करते थे। सौम्या चौरसिया को सूर्यकांत ने मनीष और जय नामक व्यक्तियों के माध्यम से 36 करोड़ रुपए की अवैध लेव्ही का हिस्सा पहुंचाया।
प्रवर्तन निदेशालय ने कोयला घोटाले मामले में दर्ज एफआईआर में जेपी मौर्या, आईएएस कुंजाम, अधिवक्ता पीयूष भाटिया का जिक्र करते हुए यह लिखा है कि इनकी संलिप्ततता की भी जांच आवश्यक है। क्योंकि इन सब का नाम सूर्यकांत तिवारी द्वारा अपने हाथ से लिखी डायरी में कोड वर्ड में उल्लेख किया गया है। उपरोक्त सिंडिकेट द्वारा जुलाई 2020 से जून 2022 के बीच लगभग 540 करोड़ रुपए की अवैध लेव्ही वसूली गई। इनमें से 296 करोड रुपए की अवैध लेव्ही की जांच ईडी कर चुकी है।