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Photograph: (the sootr)
57 हस्तियों ने सीजेआई को चिट्ठी में क्यों लिखा, चार धाम प्रोजेक्ट बन जाएगा हिमालयन क्षेत्र के लिए खतरा
भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी और पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. करण सिंह ने देश के चीफ जस्टिस बीआर गवई से हिमालयन क्षेत्र के चार धाम प्रोजेक्ट में सड़कों को 12 मीटर तक चौड़ा करने की इजाजत देने वाले सुप्रीम कोर्ट के 2021 के आदेश पर पुनर्विचार करके वापस लेने की अपील की है। अपील करने वालों में इतिहासकार व पद्ममश्री शेखर पाठक, पद्मम भूषण लेखक रामचंद्र गुहा, आरएसएस के पूर्व विचारक केएन गोविंदाचार्य के साथ ही अनेक शिक्षाविद्, वैज्ञानिक, वर्तमान व पूर्व सांसद और उत्तराखंड के अनेक एक्टिविस्ट समेत करीब 57 लोग शामिल हैं। जोशी और डॉ. सिंह ने सीजेआई बीआर गवई को लिखे इस पत्र में सड़क परिवहन व राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय के 2020 के सड़क चौड़ी करने के सर्कुलर को रद्द करने और पूर्व में तय 5.5 मीटर चौड़ी सड़कें बनाने की मांग की है। उनका कहना है कि इस साल हुई अकल्पनीय बर्बादी से साबित है​ कि उत्तराकाशी से गंगोत्री के प्राचीन रास्ते में सड़क बनाने से पहले से ही संवदेनशील एरिया में कभी ना पूरी होने वाली बर्बादी होगी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
पोस्टर विवाद में पुलिस में केस दर्ज, आरोपियों की हुई पहचान, मेवाराम ने भी अपनों पर साधा निशाना
राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र में राजनीति में हलचल मचाने वाले मेवाराम जैन ने अपने खिलाफ लगाए गए अश्लील पोस्टर पर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। शनिवार को जब मेवाराम जैन बाड़मेर पहुंचे, तब उनके फोटो के साथ कई अश्लील पोस्टर और होर्डिंग्स जोधपुर से लेकर बाड़मेर तक लगाए गए थे। इस मामले में उनके वकील सुल्तान सिंह की शिकायत पर बाड़मेर कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया और पुलिस ने आरोपियों की तलाश शुरू कर दी है। पोस्टर में मेवाराम के फोटो को अश्लील रूप में एडिट किया गया था, जिससे उनकी छवि को नुकसान पहुंचाया गया। पुलिस अधीक्षक नरेंद्र सिंह मीणा ने बताया कि इस मामले में कुछ आरोपियों की पहचान की गई है और जल्द ही उन्हें गिरफ्तार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि इस घटना को लेकर जांच जारी है और कार्रवाई की जाएगी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
कांग्रेस विधायक रतन देवासी पर महिला उद्यमी के गंभीर आरोप, वीडियो वायरल होने के बाद चर्चाएं तेज
राजस्थान के जालौर जिले के रानीवाड़ा से कांग्रेस विधायक रतन देवासी के खिलाफ एक महिला उद्यमी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। महिला ने दावा किया है कि विधायक ने उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से परेशान किया। इस आरोप के बाद सोशल मीडिया पर खूब चर्चाएं हो रही हैं। वीडियो वायरल होने के बाद यह मामला और जटिल हो गया है। महिला उद्यमी ने सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बताया कि रतन देवासी और उनके परिवार ने उन्हें कई बार धमकाया। उन्होंने पुलिस में पहले भी शिकायत दर्ज कराई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। महिला ने पूर्व कांग्रेस सरकार और पुलिस अधिकारियों से मदद मांगी, लेकिन न्याय नहीं मिला। अब वह वर्तमान राजस्थान सरकार से न्याय की गुहार लगा रही हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
इतनी बारिश के बाद भी राणा प्रताप सागर बांध में पानी की कमी, केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट में खुलासा
राजस्थान की चंबल सिंचाई परियोजना के तहत बने राणा प्रताप सागर बांध में पानी भरने की दर लगातार घट रही है। केंद्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के सबसे बड़े बांध के चार स्लूज गेट पिछले 36 वर्षों से बंद पड़े हैं। इसके चलते कैचमेंट में अच्छी बारिश होने के बावजूद भी बांध में पर्याप्त पानी नहीं भर पा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले 51 वर्षों में बांध के तल में मिट्टी और गाद जमने से 297 एमसीएम की क्षमता घट गई है। 1970 में डैम की कुल क्षमता 3128.11 एमसीएम थी, जो 2021 में घटकर 2831.20 एमसीएम रह गई। हर साल लगभग 0.202% की दर से क्षमता कम हो रही है। यह स्थिति पनबिजली उत्पादन और जल आपूर्ति दोनों के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
झुंझुनूं के दिव्यांग युवक ने मां के साथ मांगी इच्छा मृत्यु, पड़ोसियों द्वारा घर-खेत का रास्ता बंद करने से परेशान
राजस्थान के झुंझुनूं जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। रमेश कुमार, जो पिछले 50 सालों से चलने-फिरने में असमर्थ हैं और उनकी 75 वर्षीय मां केसर देवी ने प्रशासन से इच्छा मृत्यु की मांग की है। इन दोनों की स्थिति बहुत ही गंभीर है और उनका कहना है कि वे अब किसी तरह के जीवन जीने की स्थिति में नहीं हैं। उनका आरोप है कि उनके घर और खेत का रास्ता उनके पड़ोसियों ने बंद कर दिया है और प्रशासन उनकी मदद करने में नाकाम रहा है। रमेश कुमार और उनकी मां का आरोप है कि उनका घर और खेत जो उनकी पुश्तैनी संपत्ति है, अब तक एक पुरानी सड़क के जरिए जुड़ा हुआ था। अब उनके पड़ोसी चूनाराम, पूर्णाराम और हनुमानाराम ने इस रास्ते को बंद कर दिया है। इससे दोनों को न केवल अपने खेतों तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है, बल्कि उनकी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने में भी दिक्कत हो रही है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
तिरंगा लेकर जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर पहुंचा सोनम वांगचुक समर्थक, पुलिस ने किया डिटेन
राजस्थान में जोधपुर सेंट्रल जेल के बाहर शनिवार सुबह तब हड़कंप मच गया जब एक व्यक्ति तिरंगा लेकर पहुंचा और भारत माता की जय के नारे लगाने लगा। उसने दावा किया कि वह सोनम वांगचुक समर्थक है। सोनम वांगचुकऔर लद्दाख के लोग देशभक्त हैं। यह सोनम वांगचुक समर्थक विजयपाल था, जो सुजानगढ़, जिला चूरू का निवासी है। सोनम वांगचुक लद्दाख के एक प्रमुख पर्यावरण कार्यकर्ता और समाजसेवी हैं।उनको शुक्रवार को नेशनल सिक्योरिटी एक्ट के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था। उन्हें लद्दाख से कड़ी सुरक्षा में जोधपुर सेंट्रल जेल में शिफ्ट किया गया। जब विजयपाल को यह सूचना मिली कि सोनम वांगचुक को जोधपुर लाया गया है, तो वह सुबह साइकिल से सुजानगढ़ रेलवे स्टेशन पहुंचा और फिर ट्रेन पकड़कर जोधपुर पहुंचा। वहां विजयपाल ने बताया कि वह सोनम वांगचुक के समर्थन में आया है। अगर पुलिस डिटेन करती है तो वह भूख हड़ताल भी करेगा। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
शारीरिक शिक्षकों की ड्यूटी लगाने में गफलत, एक खेल वाले को दूसरे में लगाया, एकसाथ 500 किमी दूरी का जिम्मा
राजस्थान के राज्यस्तरीय स्कूल टूर्नामेंट के आयोजन को लेकर माध्यमिक शिक्षा निदेशालय बीकानेर द्वारा जारी की गई सूची पर विवाद खड़ा हो गया है। इस सूची में कई शारीरिक शिक्षकों को ड्यूटी पर लगाया गया है, लेकिन इस प्रक्रिया में कई गड़बड़ियां सामने आई हैं। खेल के विशेषज्ञ और अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रशिक्षकों के नाम इस सूची में गायब हैं, जबकि कुछ कम अनुभवी शारीरिक शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई है। इसके साथ ही शारीरिक शिक्षा के क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि शाला दर्पण मॉड्यूल की तकनीकी खामियों के कारण योग्य और अनुभवी प्रशिक्षकों को नजरअंदाज किया गया है। वहीं बॉस्केटबॉल, सॉफ्टबाल, हॉकी खेल के शारीरिक शिक्षकों को हैंडबॉल का जिम्मा दे दिया। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
निलंबित डीएफओ अनिल यादव की बदली जांच, भाजपा विधायक ने ही उठा दिए सवाल
राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर भ्रष्टाचार का मुद्दा गर्मा गया है। भाजपा विधायक ललित मीणा ने राजस्थान विधानसभा में वन विभाग के डीएफओ अनिल यादव के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप उठाए। यह मामला राज्य के राजनीतिक हलकों में काफी चर्चा का विषय बना हुआ है, क्योंकि मीणा का कहना है कि उन्होंने कई महीनों तक विभाग के अधिकारियों को शिकायत दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। अंत में, जब मुख्यमंत्री ने हस्तक्षेप किया, तब जाकर जांच शुरू हुई, लेकिन अब जांच बदल दी गई। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
संवेदनहीनता : युवक ने खाया जहर, परिजन ने लोकेशन पूछी तो पुलिस बोली-मर जाए तब आना
राजस्थान के जयपुर में एक युवक ने आत्महत्या कर ली, और उसका शव रेलवे ट्रैक के पास मिला। युवक ने मरने से पहले अपने बड़े भाई को फोन किया था और बताया कि उसने जहर खा लिया है। इसके बाद राजस्थान पुलिस और परिजनों के बीच जो घटनाएं हुईं, उन्होंने पूरे मामले को और विवादास्पद बना दिया। परिजनों का आरोप है कि सांगानेर सदर थाने के ड्यूटी ऑफिसर ने मदद करने के बजाय इसे गंभीरता से नहीं लिया। उल्टा ड्यूटी ऑफिसर ने कहा कि मर जाए तब आ जाना पोस्टमॉर्टम करवा देंगे। अगर पुलिस कार्रवाई करती तो युवक की जान बचाई जा सकती थी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान की भाजपा सरकार के 21 माह में गई 24 निकाय अध्यक्षों की कुर्सी, इनमें सिर्फ 22 कांग्रेस के
राजस्थान में भाजपा सरकार ने शहरी सरकारों के मुखिया को हटाने का अब तक का सबसे बड़ा रिकॉर्ड स्थापित किया है। पिछले 21 महीनों में कुल 24 नगर निगमों के मेयर और पालिका अध्यक्षों को पद से हटा दिया गया। जिसमें से अधिकांश मेयर और चेयरमैन कांग्रेस पार्टी के सदस्य थे। इस कदम से राजनीति में गर्मी आ गई है। TheSootr के इस लेख में हम राजस्थान के शहरी निकायों में किए गए इस बदलाव के बारे में विस्तार से जानेंगे, साथ ही उन विवादों पर भी प्रकाश डालेंगे, जिनकी वजह से कई मेयर और चेयरमैन को अपनी कुर्सी खोनी पड़ी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
वर्षों से नहीं आ रहे थे ड्यूटी, शिक्षा विभाग ने छह शिक्षकों को किया बर्खास्त
राजस्थान राज्य के शिक्षा विभाग ने एक अहम कदम उठाते हुए 15 साल से अधिक समय से गैर हाजिर चल रहे 6 शिक्षकों को बर्खास्त कर दिया है। यह कार्रवाई विभाग के लिए एक सख्त संदेश भेजने के रूप में देखी जा रही है, जिसमें सरकार और विभाग की ओर से कर्मचारियों के प्रति जिम्मेदारी और अनुशासन की आवश्यकता पर जोर दिया गया है। इस निर्णय के बाद, 5 महिला शिक्षिकाओं सहित 6 शिक्षकों को बर्खास्त किया गया है, जो वर्षों से बिना किसी सूचना या अनुमति के कार्यस्थल पर अनुपस्थित थे। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
कंवरलाल मीणा की सजा माफ करने की कोशिश लोकतंत्र पर हमला : टीकाराम जूली
राजस्थान विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता टीकाराम जूली ने बीजेपी सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि पूर्व विधायक कंवरलाल मीणा की सजा माफ करने की कोशिश संविधान और न्यायपालिका पर सीधा हमला है। उन्होंने राज्यपाल से तत्काल हस्तक्षेप करने की अपील की। अंता विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा पर 27 मुकदमे दर्ज हैं और उनकी छवि भी विवादों से घिरी हुई रही है। इन सब के बावजूद बीजेपी सरकार द्वारा उनकी सजा माफ कराने की कोशिशों ने राजनीतिक और कानूनी विवाद को जन्म दिया है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
टोंक में युवकों ने नाबालिग को धमकाया : धर्म परिवर्तन कराकर निकाह करेंगे, तेजाब डालने की भी धमकी
राजस्थान के टोंक जिले में एक नाबालिग छात्रा के साथ 5 युवकों ने रास्ते में छेड़छाड़ की और धमकी दी कि वे उसका धर्म परिवर्तन कराकर उससे निकाह करेंगे। आरोपियों ने कहा कि अगर लड़की ने उनकी बात नहीं मानी तो उसका चेहरा तेजाब से जलाकर उसे किडनैप कर लेंगे। पीड़िता ने जैसे-तैसे अपनी कोचिंग सेंटर में पनाह ली, लेकिन आरोपियों ने वहां भी हमला किया। टोंक में एक नाबालिग लड़की को धमकी की यह घटना चिंताजनक है। नाबालिग ने शुक्रवार रात को 5 आरोपियों के नाम सहित कुल 25 लोगों के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज करवाई। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि बाकी आरोपियों की तलाश जारी है। डीएसपी राजेश विद्यार्थी के अनुसार पुलिस टीमें आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए दबिश दे रही हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
भीलवाड़ा में बजरी माफिया से पुलिस की सांठगांठ आई सामने, थानेदार सहित 3 पुलिसकर्मी सस्पेंड
राजस्थान के भीलवाड़ा जिले के मांडल थाने में बजरी माफिया के खिलाफ कार्रवाई करने के दौरान एक बड़ी गड़बड़ी सामने आई। इस मामले में एसपी धर्मेंद्र सिंह ने शुक्रवार रात को मांडल एसएचओ विक्रम सेवावत, एएसआई नंदलाल गुर्जर और हैड कांस्टेबल राजेंद्र सिंह को सस्पेंड कर दिया है। यह कार्रवाई बजरी माफिया के खिलाफ किए गए एक ऑपरेशन के दौरान जेसीबी और अन्य वाहनों को बदलने की शिकायत के बाद की गई। मांडल थाने में बजरी माफिया से जुड़े एक ऑपरेशन के दौरान, पुलिस ने कई वाहनों को जब्त किया था और मामला भी दर्ज किया गया था। बाद में यह आरोप सामने आया कि जो जेसीबी वाहन मौके से पकड़ी गई थी, वह थाने पहुंचते-पहुंचते बदल दी गई। जब इस मामले की शिकायत एसपी तक पहुंची, तो उन्होंने तुरंत इसकी जांच करवाने के आदेश दिए। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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