देसी ब्रांडः एक समय सबसे घाटे वाला ब्रांड एयर इंडिया कैसे बना भारत का सबसे बड़ा एयरलाइन

एयर इंडिया की शुरुआत 15 अक्टूबर 1932 को 'टाटा एयरलाइंस' के रूप में हुई थी, जिसे जेआरडी टाटा ने स्थापित किया था। उन्होंने भारत की पहली डाक सेवा और व्यावसायिक एविएशन सेवा शुरू की, जिससे एयर इंडिया की नींव रखी।

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Manish Kumar
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Photograph: (air india)

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Be इंडियन-Buy इंडियन: भारतीय देसी ब्रांड एयर इंडिया की कहानी भारत के सपनों और कठिनाइयों की कहानी है। नए युग में टाटा ग्रुप ने इसका जीर्णोद्धार कर देश की शान को दोबारा ऊंचाई दी है। संघर्ष, नवाचार और गर्व का सही मिश्रण - यही है एयर इंडिया का असली उड़ान। एयर इंडिया की कहानी भारत के दिल से निकली एक प्रेरणा है - जहां जुनून, संघर्ष और राष्ट्रीय गर्व ने इसे एक वैश्विक पहचान दिलाई। यह वह ब्रांड है जिसने भारतीय उड्डयन तथा कारोबारी संस्कृति को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया है। यहां एयर इंडिया की सफलता की पूरी यात्रा, संघर्ष, मूल मंत्र, आज की स्थिति और सीख प्रस्तुत है।

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कैसे हुई एयर इंडिया की शुरुआत

एयर इंडिया की शुरुआत 15 अक्टूबर 1932 को 'टाटा एयरलाइंस' के नाम से हुई थी। इसके जनक, जे.आर.डी. टाटा, भारतीय एविएशन के पहले व्यावसायिक पायलट थे, जिन्होंने अकेले विमान उड़ाकर पहला डाक सेवा का संचालन किया - कराची से मुंबई, और आगे मद्रास तक। उस समय सिर्फ दो छोटे विमानों से साप्ताहिक डाक और कुछ यात्रियों को लेकर सर्विस शुरू हुई थी। पहली ही साल में कंपनी ने मुनाफा कमाया और 160,000 मील की उड़ानों के साथ 155 यात्रियों और 10.71 टन डाक को पहुंचाया।

एयर इंडिया की ब्रांड की शुरुआती संघर्ष की कहानी

शुरुआत में कई चुनौतियां थीं - सीमित संसाधन, तकनीकी मुश्किलें, और युद्ध के दौरान सेना की मदद। द्वितीय विश्व युद्ध के समय एयर इंडिया ने रॉयल एयरफोर्स के लिए सैनिकों, राशन और शरणार्थियों को पहुंचाने का कार्य किया। 1946 में यह पब्लिक कंपनी बनी और 'एयर इंडिया लिमिटेड' का नाम मिला। लेकिन 1953 में सरकार ने इसे राष्ट्रीयकरण के तहत ले लिया और लंबे समय तक सरकारी नियंत्रण ने इसे नौकरशाही और वित्तीय दबावों में जकड़ा रखा। 2007 के बाद इसके घाटे लगातार बढ़ते गए, और बदलाव की जरूरत सबसे ज्यादा महसूस हुई।

एयर इंडिया ब्रांड की सफलता की कहानी

सफलता की असली कहानी टाटा समूह की वापसी के बाद बदलने लगी। 2022 में एयर इंडिया के पुन: अधिग्रहण के साथ ही इस ब्रांड में नई ऊर्जा आई। नए मैनेजमेंट ने पुरानी प्रक्रिया को पुनर्गठित किया, स्टाफ की औसत उम्र घटाई, तकनीकी सुधार, एयरक्राफ्ट अपग्रेड और आईटी निवेश से कंपनी अपने प्रतिस्पर्धियों के आगे निकलने का सपना देखने लगी। नए मार्ग, बेहतर कनेक्टिविटी, और कर्मचारी वृद्धि से दो सालों में कंपनी का रेवन्यू 2.5 गुना बढ़ा। टाटा ने अपने एयरलाइन बिजनेस (विस्तारा, एयर इंडिया एक्सप्रेस, AIX कनेक्ट) को मिलाकर भारत की सबसे बड़ी पूर्ण सेवा और लो-कॉस्ट एयरलाइन ग्रुप बना दी।

आज बाजार में एयर इंडिया की क्या स्थिति है?

2025 तक एयर इंडिया भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन है - घरेलू बाजार शेयर 27%, अंतरराष्ट्रीय में 24% हिस्सेदारी के साथ इसकी स्थिति सुदृढ़ है। रेवन्यू में 25% ग्रोथ और घाटा 50% तक घट गया है। कंपनी के पास 18,000 कर्मचारी हैं और 470 नए विमान ऑर्डर किए गए हैं। साथ ही, ब्रांड ने लॉन्ग-हॉल इंटरनेशनल मार्गों पर एयरबस A350 तैनात कर भारत को वैश्विक एविएशन हब बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।

ब्रांड एयर इंडिया की मार्केट में पॉजिशन

एयर इंडिया का ब्रांड भारत का सबसे बड़ा और प्रभावशाली एयर कैरियर है - यह इंटरनेशनल फ्लाइट्स में 60+ देशों में काम करता है और लगभग हर सेक्टर में ऑफर करता है। टाटा समूह की रणनीतिक पुनर्गठन के साथ यह अब Gulf carriers जैसे Emirates को टक्कर देने तैयार है। तकनीकी नवाचार, सेवा विस्तार, और नए पार्टनरशिप से इसकी बाजार में लीडरशिप मजबूत हो रही है।

एयर इंडिया ब्रांड का मूल मंत्र

एयर इंडिया का मूल मंत्र है- “ग्लोबल एयरलाइन, इंडियन हार्ट”। यह ब्रांड भारतीय आतिथ्य, सुरक्षा और गुणवत्ता का प्रतीक बन गया है। नवाचार, परंपरा और सेवा की प्रेरणा से इसका संचालन होता है। कंपनी का मानना है कि भारतीय जड़ें, वैश्विक पंख - यही असली पहचान है। एयर इंडिया, महाराजा का प्रतीक, हमेशा से अपनी सर्वश्रेष्ठ सेवा, शानदार मेहमाननवाज़ी और हर यात्री की फिक्र के लिए प्रसिद्ध रहा है। यह न केवल आधुनिकता और परंपरा का अद्भुत मेल प्रस्तुत करता है, बल्कि नई तकनीक, डिजिटल डाउनलोड की सुविधाओं के साथ-साथ भारतीय मूल्यों का भी सम्मान करता है। एयर इंडिया का उद्देश्य हर भारतीय को गर्व महसूस कराना है और इसी कारण इसे "फ्लाइंग द नेशन" का आदर्श बना दिया गया है। वास्तव में, एयर इंडिया की असली USP हवा में नहीं, बल्कि दिलों में उड़ान भरने में है, जो इसे दुनिया भर में विशिष्ट बनाता है।

इस कहानी से क्या सीखा जा सकता है

स्वदेशी ब्रांड एयर इंडिया की यात्रा बताती है कि भारत में ब्रांड निर्माण केवल व्यापार नहीं, राष्ट्रीय गौरव और संघर्ष की गाथा है। शुरुआती संघर्ष, सरकारी हस्तक्षेप, और वित्तीय संकट के बावजूद भी यदि सही नेतृत्व, समर्पण और विजन हो तो हर ब्रांड वैश्विक बन सकता है। नवाचार, रिस्ट्रक्चरिंग और बाजार की नई मांगों के मुताबिक बदलाव- हर ब्रांड के लिए जरूरी हैं।

स्रोत:

https://www.airindia.com/in/en/about-us.html
https://www.tata.com/business/air-india
Research Articles on Air India Innovation and Market Trends
Industry Insights from Leading Aviation Experts

FAQ

एयर इंडिया की स्थापना कब और किसने की थी?
एयर इंडिया की स्थापना 1932 में जे.आर.डी. टाटा ने 'टाटा एयरलाइंस' के नाम से की थी।
एयर इंडिया का मालिक कौन है?
2021 में एयर इंडिया का मालिकाना हक फिर से टाटा समूह को मिल गया।
वर्तमान में एयर इंडिया का बाजार में स्थान क्या है?
2025 में एयर इंडिया घरेलू मार्केट में 27% और अंतरराष्ट्रीय मार्केट में 24% हिस्सेदारी के साथ भारत की अग्रणी एयरलाइन है।

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