अरुण तिवारी, BHOPAL. सीहोर के कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा का इस समय रुद्राक्ष महोत्सव चल रहा है। कुबेरेश्वरधाम में पंडित प्रदीप मिश्रा भक्तों को रुद्राक्ष बांटते हैं और कथा भी सुनाते हैं। इसी रुद्राक्ष को लेने के लिए कुबेरेश्वरधाम में लाखों भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी। अनुमान लगाया गया था 5 लाख लोगों के आने का और आ गए 10 लाख लोग। भारी अव्यवस्थाएं हो गई और रुद्राक्ष बांटने के कार्यक्रम को स्थगित कर दिया गया। क्या इतनी बड़ी मात्रा में रुद्राक्ष की उपलब्धता या उत्पादन संभव है या नहीं यानी रेश्यो ऑफ प्रोडक्शन, रुद्राक्ष की कीमत क्या होती है और क्या है इसके पीछे के रिचुअल्स यानी धार्मिक मान्यता और परंपरा? जानिए रुद्राक्ष का RRR...
रुद्राक्ष कहां पाया जाता है ?
सनातन हिंदू धर्म में रुद्राक्ष का विशेष महत्व माना जाता है। रुद्राक्ष एक खास तरह के पेड़ जिसका बॉटनिकल नेम इलेइओकार्पस गैनीट्रस है। इसके फल की गुठली होती है। ये पेड़ आमतौर पर पहाड़ी इलाकों में एक खास ऊंचाई पर, खासकर हिमालय में पाए जाते हैं।
रुद्राक्ष का क्या है लाभ ?
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शंकर के आंसुओं से हुई है और इसे धारण करने से कई फायदे मिलते हैं।
असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान कैसे होगी ?
भारत में रुद्राक्ष की करीब 33 प्रजातियां पाई जाती हैं। इसमें ज्यादातर एक मुखी से लेकर 14 मुखी तक होते हैं। जानकारों के मुताबिक बाजार में बेचे जा रहे 3 मुखी से नीचे और 7 मुखी से ऊपर के ज्यादातर रुद्राक्ष नकली होते हैं।
रुद्राक्ष के नाम पर बेचा जा रहा भद्राक्ष
जानकारों के मुताबिक रुद्राक्ष के नाम पर भ्रदाक्ष बेचने का भी खुला खेल खेला जाता है। भद्राक्ष भी एक तरह का बीज होता है जो रुद्राक्ष से हल्का, पतला और आकार में गोल नहीं बल्कि अंडाकार होता है।
असली रुद्राक्ष कैसा होता है?
- उसके फल में प्राकृतिक रूप से छेद होते हैं
रुद्राक्ष अभिमंत्रित कैसे होता है?
कुबेरेश्वर धाम के रुद्राक्ष महोत्सव में कहा जा रहा है कि भक्तों को रुद्राक्ष अभिमंत्रित करके दिया जा रहा है। धार्मिक लिहाज से अभिमंत्रित रुद्राक्ष का बहुत महत्व है। अभिमंत्रित रुद्राक्ष को सुपर पावर माना जाता है। जानकारों के मुताबिक धार्मिक ग्रंथों के आधार पर रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने की पूरी विधि है।
वीडियो देखिए..कैसे अभिमंत्रित होते हैं रुद्राक्ष? असली और नकली रुद्राक्ष में कैसे करें भेद?
लाखों रुद्राक्ष अभिमंत्रित करना संभव नहीं
एक रुद्राक्ष को अभिमंत्रित करने के लिए महामृत्युंजय के मंत्र का जाप किया जाता है। महामृत्युंजय का एक मंत्र बोलने में कम से कम 1 से डेढ़ मिनट लगता है। उसकी पूरी माला जपने में 21 मिनट लगते हैं। अगर आप एक रुद्राक्ष पर सवा लाख मंत्र पढ़ते हैं तो काफी समय लगेगा। जो कथावाचक या संत लाखों की संख्या में रुद्राक्ष बांटते हैं वो अभिमंत्रित करना संभव ही नहीं है।
लाखों की संख्या में रुद्राक्ष की उपलब्धता नहीं
रुद्राक्ष का फल केवल श्रावण मास में आता है। पूरे देश में रुद्राक्ष के इतने वृक्ष ही नहीं हैं कि लाखों की संख्या में रुद्राक्ष मिल सकें। जानकार इसकी लाखों की संख्या पर संदेह जता रहे हैं। अब बात करें कीमत की तो बाजार में एक रुद्राक्ष की कीमत 100 रुपए से लेकर लाखों रुपए तक है। सामान्य तौर पर बाजार में 100 से 15 हजार रुपए तक के रुद्राक्ष मिलते हैं इससे महंगे ऑर्डर पर बुलवाए जाते हैं। रत्न विक्रेता इन रुद्राक्ष को नेपाल से बुलवाते हैं।
कम से कम 5 करोड़ में आएंगे 5 लाख रुद्राक्ष
सीहोर में चल रहे रद्राक्ष महोत्व में पांच लाख रुद्राक्ष बांटने की बात की जा रही है। यदि एक रुद्राक्ष की कीमत सबसे कम यानी 100 रुपए मान लें तो 5 लाख रुद्राक्ष 5 करोड़ में आएंगे। यानी पंडित प्रदीप मिश्रा के रुद्राक्ष महोत्सव में 5 करोड़ के अभिमंत्रित रुद्राक्ष बांटने की बात कही जा रही है। हम ये बिलकुल नहीं कह रहे हैं कि पंडित प्रदीप मिश्रा या फिर जग्गी वासुदेव जो श्रद्धालुओं को रुद्राक्ष बांटते हैं वो असली हैं या नकली। एक्सपर्ट ने इन तमाम सवालों के जवाब दिए हैं और हमने आपको असली और नकली रुद्राक्ष की पहचान करना भी बता दिया है।