RAJASTHAN Top News : राजस्थान की बड़ी खबरें

नमस्कार, राजस्थान की बड़ी खबरों में आपका स्वागत है। भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राठौड़ नहीं कर पा रहे कार्यकारिणी घोषित। अतिक्रमण ने घोंटा बाणगंगा नदी का गला। वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं। बच्चों के खिलाफ अपराध में चौथा स्थान। शाह 13 अक्टूबर को आएंगे...

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Amit Baijnath Garg
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Rajasthan top news 10 oct

Photograph: (the sootr)

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पहले बाणगंगा नदी के बहाव क्षेत्र में अतिक्रमण कर गला घोंट दिया, अब पानी की कमी हुई तो फूट रहा गुस्सा

राजस्थान के भरतपुर जिले की बाणगंगा नदी, जो कभी अपनी संजीवनी शक्ति और पानी से क्षेत्रीय विकास में योगदान देती थी, पिछले 25-30 वर्षों से सूखी पड़ी है। नदी के सूखने का मुख्य कारण अतिक्रमण है, जिसने नदी के पानी के प्रवाह को पूरी तरह से अवरुद्ध कर दिया है। लोग नदी की तलहटी में खेत और घर बना चुके हैं, जिससे नदी का स्वाभाविक मार्ग पूरी तरह से समाप्त हो गया है। नदी के सूखने से जलस्तर में गिरावट आई है, जिससे किसानों को सिंचाई में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। नदी की जमीन पर बने खेतों में जल स्रोतों की कमी हो गई है। चौकी में स्थित सिंचाई विभाग का कार्यालय अब एक झोपड़ीनुमा कमरे में चल रहा है, जो इस संकट को स्पष्ट रूप से दर्शाता है। इसके अलावा, कुछ भू-माफिया नदी की मिट्टी निकालकर बेच रहे हैं, जिससे नदी के अस्तित्व पर गंभीर संकट मंडरा रहा है। यह स्थिति प्रशासन के लिए भी चिंता का विषय बन गई है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान पुलिस को सुप्रीम कोर्ट से मिली राहत, बना रहेगा आमेर तहसील की जमीन पर कब्जा

राजस्थान पुलिस को सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को बड़ी राहत देते हुए आमेर तहसील में बने पुलिस के ट्रेनिंग सेंटर को खाली करवाए जाने के राजस्थान हाई कोर्ट के आदेश पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए हैं। जस्टिस दीपांकर दत्ता और जस्टिस ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने यह अंतरिम आदेश राजस्थान सरकार की अपील पर दिए। इस अंतरिम आदेश से पुलिस विभाग को ट्रायल कोर्ट और हाई कोर्ट के फैसलों के अनुरूप बेदखल करने की सभी कार्यवाहियों पर रोक लग गई है। राज्य सरकार की ओर से अ​तिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी और अतिरिक्त महाधिवक्ता शिवमंगल शर्मा ने कोर्ट को बताया कि जमीन वर्ष 1992 से लगातार पुलिस विभाग के उपयोग और कब्जे में है। जमीन राजस्थान में कानून-व्यवस्था बनाए रखने और पुलिसकर्मियों के ट्रेनिंग के लिए बनाए गए सरकारी इंफ्रास्ट्रक्चर का एक अभिन्न अंग है और सरकारी जमीन है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ 6 महीने से क्यों नहीं बना पा रहे कार्यकारिणी, जानिए पूरी वजह

राजस्थान भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ लगभग छह महीने से अपनी मनपसंद कार्यकारिणी का गठन नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने संगठन कार्यों के लिए अपनी सूची भी तैयार करके काफी समय पहले ही दिल्ली भेज रखी है, लेकिन पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व ने सूची को हरी झंडी नहीं दी है। बताया जाता है कि सूची में कुछ नामों को लेकर विवाद है। विवादित नामों पर सहमति नहीं बनने के कारण सूची अटकी हुई है। सूची जारी नहीं होने से राठौड़ के समर्थकों में मायूसी है। खासकर वे नेता और वरिष्ठ कार्यकर्ता, जो सवा साल से संगठनात्मक कार्यक्रमों व गतिविधियों में दिन-रात एक किए हुए हैं, प्रदेश कार्यकारिणी में अच्छे पद की आस लगाए बैठे हैं। मीडिया में बार-बार प्रदेश अध्यक्ष से कार्यकारिणी को लेकर सवाल किए जा रहे हैं। कई महीने से राठौड़ भी जल्द ही सूची आने के बयान देते आ रहे हैं। अब तो स्थिति यह हो गई है कि मीडिया ने भी कार्यकारिणी के बारे में सवाल पूछना बंद सा कर दिया है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

पीटीआई ने रिश्तेदार को करवा दिया कबड्डी टीम में शामिल, भड़के शिक्षा मंत्री दिलावर ने लिया सख्त एक्शन

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने हाल ही में कोटा जिले के एक स्कूल में हुई एक बड़ी लापरवाही पर सख्त कार्रवाई की है। यहां के एक पीटीआई (शारीरिक शिक्षा शिक्षक) ने बिना किसी प्रतियोगिता में खेले अपने रिश्तेदार को कबड्डी टीम में शामिल कर लिया। इस मामले की जानकारी शिक्षा मंत्री को मिलने पर उन्होंने तुरंत इस पर एक्शन लिया और संबंधित पीटीआई शिक्षक को एपीओ (अंतरिम पोस्टिंग ऑर्डर) कर दिया। राजस्थान के कोटा जिले के जालिमपुरा ग्राम पंचायत स्थित स्कूल में यह गंभीर लापरवाही हुई थी। पीटीआई सुरेंद्र मीणा ने अपनी पत्नी की बहन अनुराधा मीणा को अगस्त महीने में बिना खेले ही राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में चयनित करवा दिया था। यह सब बिना स्कूल आए और बिना ब्लॉक या जिला स्तर की प्रतियोगिता खेले ही हुआ। जब यह मामला शिक्षा मंत्री के संज्ञान में आया, तो उन्होंने इस पर तुरंत कार्रवाई करते हुए पीटीआई को एपीओ करने के आदेश दिए। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान में वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवाएं, CAG ऑडिट रिपोर्ट ने दिखाई असली तस्वीर, हालात भयावह

राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी स्थिति बेहद चिंताजनक है। हाल ही में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत CAG (कंपट्रोलर एंड ऑडिटर जनरल) द्वारा की गई परफॉर्मेंस ऑडिट रिपोर्ट में स्वास्थ्य विभाग की गंभीर खामियां सामने आई हैं। कैग रिपोर्ट के अनुसार, राज्य के प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक स्वास्थ्य संस्थानों में डॉक्टरों, नर्सों और पैरामेडिकल स्टाफ की भारी कमी का सामना करना पड़ रहा है। इसका असर सीधे तौर पर मरीजों की देखभाल पर पड़ा है और अस्पतालों में दी जाने वाली सेवाओं की गुणवत्ता में कमी आई है। रिपोर्ट में यह तथ्य सामने आया है कि राज्य के स्वास्थ्य ढांचे में डॉक्टरों की 35.5%, नर्सों की 18.5% और पैरामेडिक्स की 55.8% कमी है। यह कमी हर स्तर पर महसूस हो रही है और इसका असर मरीजों को मिलने वाली चिकित्सा सेवाओं पर स्पष्ट रूप से पड़ रहा है। विशेषकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में पैरामेडिक्स की 63% कमी का मतलब है कि ग्रामीण क्षेत्रों में बुनियादी चिकित्सा सेवाएं भी पूरी तरह से उपलब्ध नहीं हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान में हथियारों की तस्करी का बड़ा खुलासा : मध्य प्रदेश से हो रही है तस्करी, छह गिरफ्तार

राजस्थान के झालावाड़ जिले में अंतरराज्यीय हथियार तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। पुलिस ने गिरोह के सरगना सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो मध्‍य प्रदेश से हथियारों की तस्करी कर राजस्थान के विभिन्न जिलों में सप्लाई करते थे। यह कार्रवाई राजस्थान पुलिस की विशेष अभियान के तहत की गई है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए आरोपियों के खिलाफ पहले भी कई मामले दर्ज हैं। यह मामला हथियार तस्करी की जटिलताओं और इस पर पुलिस की कड़ी कार्रवाई को उजागर करता है। झालावाड़ पुलिस ने संगठित अपराध, मादक पदार्थ तस्करी और हथियार तस्करी की रोकथाम के लिए एक विशेष अभियान चलाया था। इसके तहत, पुलिस ने विभिन्न टीमों का गठन किया और सूचनाओं के आधार पर कार्रवाई की। पुलिस को सूचना मिली थी कि सूरजपोल गेट, झालरापाटन निवासी लालचंद उर्फ लालू खटीक अवैध हथियारों की खरीद-फरोख्त में लिप्त है। उसके नेतृत्व में यह गिरोह मध्यप्रदेश से हथियार खरीदकर राजस्थान के विभिन्न हिस्सों में तस्करी कर रहा था। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लालचंद उर्फ लालू को गिरफ्तार किया और उसकी निशानदेही पर अन्य आरोपियों को भी पकड़ा। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

तीन साल बाद फिर होगी कारों की खरीद, राजस्थान के मंत्रियों को मिलेगा तोहफा

राजस्थान में मंत्रियों को एक बड़ा तोहफा मिलने वाला है। राज्य सरकार 41 नई कारें खरीदेगी, जिसमें 40 सफेद रंग की कारें और एक काली रंग की कार शामिल होगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। इस कदम से मंत्रियों की मांग पूरी होगी और राजस्थान सरकार के वाहन बेड़े में यह नई गाड़ियां शामिल हो जाएंगी। अनुमान है कि दीपावली या नवंबर तक ये गाड़ियां राज्य सरकार के बेड़े में आ जाएंगी। गौरतलब है तीन वर्ष पूर्व गहलोत सरकार ने भी मंत्रियों के लिए नई गाड़ियां खरीद थीं। राजस्थान सरकार 41 नई कारें खरीद रही हैं। इनमें से सफेद रंग की 40 कारें मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और राज्य मंत्रियों के लिए होंगी, जबकि राज्यपाल के लिए काले रंग की एक कार खरीदी जाएगी। इन गाड़ियों को लेकर मंत्रियों की लंबे समय से मांग थी, जो अब पूरी होने जा रही है। यह निर्णय इसलिए लिया गया है क्योंकि वर्तमान में जो गाड़ियां मंत्रियों के पास हैं, वे अब तीन साल पुरानी हो चुकी हैं। अधिकांश कारें 3 लाख किलोमीटर से अधिक चल चुकी हैं, जिनमें से कई गाड़ियां हर 15 दिन में गैराज जाती हैं। यही कारण है कि मंत्रियों ने नई गाड़ियों की मांग उठाई थी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

ग्राम पंचायतों में प्रशासक बने पूर्व सरपंच और वार्ड पंच मिलकर बांटेंगे जमीनों के पट्टे, जानें क्या है सरकार का आदेश

राजस्थान में 5 साल का कार्यकाल पूरा होने के बावजूद ग्राम पंचायतों के चुनाव अटके हुए हैं, लेकिन राज्य सरकार ने चुनाव नहीं होने से प्रशासक बनाए पूर्व सरपंचों और पूर्व वार्ड पंचों को जमीनों के पट्टे बांटने का अधिकार देकर उन्हें दिवाली से पहले खुश कर दिया है। सरकार ने इस संबंध में पंचायतीराज आयुक्त और सचिव जोगाराम ने सभी जिला परिषदों को पत्र भेज दिया है। इस फैसले को भाजपा सरकार का चुनावी दांव माना जा रहा है, मगर इस निर्णय को लेकर सवाल खड़े होने लगे हैं। विपक्षी दलों का आरोप है कि ग्राम पंचायतों में जमीनों के नियम विरुद्ध पट्टे देने के कई मामले पहले ही चल रहे हैं। इस फैसले के बाद पंचायतों में जमीनों के अनाप-शनाप पट्टे दिए जाएंगे। पंचायतीराज आयुक्त ने जिला परिषदों को लिखे पत्र में स्पष्ट किया है कि कार्यकाल पूरा कर चुकी ग्राम पंचायतों के सरपंच, पंच और वार्ड पंचों की कमेटी ही पट्टे दे सकेगी। पत्र में लिखा है कि राजस्थान पंचायती राज नियम-1996 के प्रावधानों के तहत जहां वार्ड पंच की कमेटी गठित किया जाना जरूरी है, वहां पर ऐसे सभी मामलों में प्रशासक की ओर से प्रशासकीय समिति के सदस्यों की कमेटी गठित करके ही पट्टा आवंटन किया जाएगा। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

एसएमएस अस्पताल रिश्ववत कांड : डॉक्टर के गुर्गे ने घर से बाहर फेंक दी रिश्वत की रकम, फिर भी नहीं बच पाया गिरफ्तारी से

राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस हॉस्पिटल में एक बड़ा भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है, जहां एक डॉक्टर ने मेडिकल उपकरणों के बिल पास करने के लिए रिश्वत मांगी। इस मामले ने तब तूल पकड़ी जब एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने कार्रवाई की और इस मामले में न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल को गिरफ्तार किया। एसएमएस हॉस्पिटल अग्निकांड के बाद भ्रष्टाचार का यह मामला सामने आने के बाद वहां की व्यवस्था की पोल खुलती नजर आ रही है। एसएमएस अस्पताल के न्यूरो सर्जन डॉ. मनीष अग्रवाल ने ब्रेन कॉइल सप्लाई करने वाली कंपनी से एक लाख रुपए की घूस की मांग की। आरोप है कि उन्होंने 12.50 लाख रुपए के बिल को पास करने के लिए रिश्वत का प्रस्ताव दिया था। कंपनी का प्रतिनिधि जब बिल साइन कराने के लिए उनके पास गया, तो डॉ. मनीष ने कागजात फेंकते हुए कहा कि साइन ऐसे नहीं होते हैं, तुम शाम को 7 बजे मेरे घर आओ और मेरी पर्सनैलिटी के हिसाब से वैल्यू लगाओ। इस कथन को सुनकर कंपनी ने एसीबी में शिकायत दी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

पूर्व सीएम वसुंधरा राजे ने बढ़ाई सियासी हलचल, समर्थकों को कहा-जैसा नहीं, जैसी सीएम!

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 9 अक्टूबर 2025 को बीकानेर में पूर्व नेता प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के निधन पर शोक व्यक्त किया और लौटते वक्त चूरू जिले के रतनगढ़ में रुकीं। इस दौरान, पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा मुख्यमंत्री बनाने के समर्थन में नारे लगाए गए। नारे में हमारा मुख्यमंत्री कैसा हो, वसुंधरा राजे जैसा हो का प्रयोग किया गया। वसुंधरा राजे ने इसे सुनते ही कार्यकर्ताओं को रोका और जैसा शब्द की जगह जैसी का इस्तेमाल करने को कहा। यह न केवल एक शब्द परिवर्तन था, बल्कि इसके पीछे एक गहरा राजनीतिक संदेश भी छिपा था। इस घटना के बाद से यह चर्चा का विषय बन गया है, और राजनीतिक जानकारों का मानना है कि वसुंधरा राजे ने यह कदम एक रणनीति के तहत उठाया है। राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का इस प्रकार का बयान राजनीतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। जब कार्यकर्ताओं ने नारे लगाए, तो वसुंधरा राजे ने न केवल शब्दों को बदला, बल्कि इसके जरिए एक चतुर रणनीति भी अपनाई। उन्होंने कार्यकर्ताओं से 'जैसा' की जगह 'जैसी' शब्द का प्रयोग कराकर यह संदेश दिया कि वह राजस्थान में अपनी सक्रियता और नेतृत्व पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए तैयार हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

बच्चों के लिए सुर​क्षित नहीं राजस्थान, मासूमों के खिलाफ अपराध में देश में चौथे स्थान पर

देश में बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी देखी जा रही है। एक हालिया रिपोर्ट में यह स्पष्ट हुआ है कि राजस्थान बच्चों के खिलाफ अपराधों में देश के बड़े राज्यों में चौथे स्थान पर है। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो द्वारा जारी किए गए 2023 के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में बच्चों के खिलाफ अपराधों के मामलों में साल दर साल वृद्धि हुई है। एनसीआरबी के आंकड़े देशभर में बच्चों के खिलाफ अपराधों की स्थिति को उजागर करते हैं, जिससे यह सवाल उठता है कि बच्चों की सुरक्षा को लेकर क्या कदम उठाए जा रहे हैं। एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार, राजस्थान में बच्चों के खिलाफ अपराधों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। जहां वर्ष 2022 में 9,370 मामलों की रिपोर्ट दर्ज की गई थी, वहीं 2023 में यह आंकड़ा बढ़कर 10,577 तक पहुंच गया। इसका मतलब है कि 2022 की तुलना में 2023 में बच्चों के खिलाफ अपराधों के 1,207 और नए मामले दर्ज हुए हैं। यह आंकड़ा चिंताजनक है, क्योंकि यह एक साल के भीतर अपराधों के मामलों में वृद्धि को दर्शाता है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

मेंटल हेल्थ से पीड़ित है राजस्थान में 20 फीसदी से ज्यादा युवा, जानें समाधान के उपाय

राजस्थान में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर जागरुकता की कमी अब एक गंभीर चिंता का विषय बन गई है। राज्य में 20 प्रतिशत से अधिक वयस्क मानसिक स्वास्थ्य से किसी न किसी रूप में प्रभावित हैं। जहां आमतौर पर लोग मानसिक स्वास्थ्य को केवल अच्छी नींद या तनावमुक्त दिनचर्या से जोड़ते हैं, वहीं मनोवैज्ञानिक इसे शारीरिक स्वास्थ्य, आर्थिक स्थिति और पारिवारिक सुख से जोड़ते हैं। मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम के नोडल अधिकारी डॉ. प्रदीप शर्मा के अनुसार मानसिक स्वास्थ्य न केवल व्यक्तिगत कल्याण बल्कि परिवार, समाज और देश के लिए भी महत्वपूर्ण है। एक स्वस्थ मानसिकता उत्पादकता बढ़ाती है, रिश्तों को मजबूत करती है और समाज में सामंजस्य स्थापित करती है। मनोचिकित्सक का मानना है कि मानसिक तनाव व्यक्ति को काम को जल्दी खत्म करने के लिए मजबूर करता है, लेकिन इस प्रक्रिया में वह अपनी प्राथमिकताओं को भूल सकता है और किसी गलती पर बदले की भावना से भर सकता है। जैसे, तनावग्रस्त पुलिसकर्मी की एक गलती कानून व्यवस्था को प्रभावित कर सकती है। इसी प्रकार वकील, पत्रकार, कामकाजी महिलाएं, शिक्षक आदि भी मानसिक तनाव से प्रभावित हो सकते हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

सांसद राजकुमार रोत को फेसबुक लाइव पर गोली मारने की धमकी, जानें पूरा मामला

राजस्थान के बांसवाड़ा-डूंगरपुर से BAP सांसद राजकुमार रोत को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर जान से मारने की धमकी मिलने का मामला सामने आया है। यह घटना उस समय हुई जब सांसद रोत ने उदयपुर में आदिवासी मुद्दों पर एक प्रेस वार्ता की थी। प्रेस वार्ता के दौरान, एक व्यक्ति ने सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीमिंग में कमेंट किया और सांसद को गोली मारने वाले को एक करोड़ रुपए इनाम देने की घोषणा की।  राजकुमार रोत, जो कि भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के सदस्य हैं, ने उदयपुर जिले के नाई थाना पुलिस द्वारा मर्डर मामले में पांच निर्दोष आदिवासियों को गिरफ्तार कर उनका शिकार बनाने के खिलाफ प्रेस वार्ता की थी। इस वार्ता के दौरान चंद्रवीर सिंह नामक एक यूजर ने सोशल मीडिया पर लाइव स्ट्रीमिंग के दौरान एक टिप्पणी की, जिसमें उसने राजकुमार रोत को गोली मारने वाले को एक करोड़ रुपए का इनाम देने की बात कही। यह मुद्दा उस समय गहराया था जब उदयपुर जिले की नाई थाना पुलिस ने मर्डर के आरोप में पांच निर्दोष आदिवासियों को गिरफ्तार कर लिया था। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान के थाने में घुस महिलाओं ने मचाया तांडव, तोड़फोड़ कर फाड़ी वर्दी, जानें पूरा मामला

राजस्थान के धौलपुर जिले के सैंपऊ थाना क्षेत्र में एक हैरान करने वाली घटना सामने आई, जिसमें दर्जनभर से ज्यादा महिलाओं ने थाने में घेराव कर जमकर हंगामा किया। यह घटना तब घटी जब महिलाओं ने धोखाधड़ी के आरोपी को पुलिस हिरासत से छुड़ाने की कोशिश की। उनके इस विरोध प्रदर्शन में राजस्थान पुलिस और महिलाओं के बीच हाथापाई भी हुई, और पुलिसकर्मियों की वर्दी भी फाड़ दी गई। इस घटना के बाद सैंपऊ थाना में करीब आधे घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चलता रहा, जिसने पुलिस प्रशासन के लिए मुश्किलें खड़ी कर दीं। सूचना के अनुसार, सैंपऊ थाना पुलिस ने तसीमों गांव में धोखाधड़ी के आरोपी निरोती लाल को गिरफ्तार किया था। पुलिस को यह जानकारी एक मुखबिर से मिली थी कि आरोपी गांव में छिपा हुआ है, जिसके बाद पुलिस ने कार्रवाई करते हुए उसे हिरासत में लिया। लेकिन, जैसे ही आरोपी को पुलिस की गिरफ्त में देखा, बड़ी संख्या में महिला और पुरुष इकट्ठा हो गए और उन्होंने पुलिस से आरोपी को छुड़ाने के प्रयास किए। स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को वापस थाने आना मुश्किल हो गया, और अंततः उन्हें किसी तरह थाने पहुंचने में सफलता मिली। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

अमित शाह 13 अक्टूबर को राजस्थान में, तीन माह में आएंगे तीसरी बार, जानें दौरे की जानकारी

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह 13 अक्टूबर 2025 को राजस्थान की अपनी तीन महीने में तीसरी बार यात्रा पर आ रहे हैं। इस दौरे के दौरान, वे जयपुर में राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं और कार्यक्रमों का उद्घाटन करेंगे। शाह का यह दौरा राज्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि इस दौरान वे 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत करेंगे और साथ ही कई विकास कार्यों का शिलान्यास और लोकार्पण भी करेंगे। इस लेख में हम अमित शाह के इस दौरे के सभी पहलुओं को विस्तार से समझेंगे। अमित शाह के इस दौरे में एक प्रमुख कार्यक्रम 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना का शुभारंभ होगा। यह योजना राजस्थान के नागरिकों को 150 यूनिट तक मुफ्त बिजली की सुविधा प्रदान करेगी। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा की अध्यक्षता में इस योजना की शुरुआत राज्य सरकार ने की है, और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह इसे औपचारिक रूप से शुरू करेंगे। इस योजना का उद्देश्य राज्य के गरीब और मिडिल क्लास परिवारों को आर्थिक राहत प्रदान करना है, जो बिजली के बढ़े हुए बिलों के कारण परेशान रहते हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

राजस्थान में सरकारी कर्मचारियों पर कुठाराघात, भजनलाल शर्मा सरकार ने खत्म की ओपीएस

राजस्थान के लाखों कर्मचारियों को राजस्थान की भजनलाल शर्मा सरकार ने दिवाली के ठीक पहले तगड़ा झटका दिया है। राजस्थान सरकार ने ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) को समाप्त करने का निर्णय लिया। इस कदम से सरकारी कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों में गहरी चिंता और असंतोष का माहौल बन गया। यह निर्णय उन बोर्डों, निगमों, राजकीय उपक्रमों और स्वायत्तशासी संस्थाओं पर लागू होता है, जहां ओपीएस लागू था। राजस्थान सरकार ने इन संस्थाओं में ओपीएस की जगह नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस), सीपीएफ और ईपीएफ (कर्मचारी भविष्य निधि) जैसी पेंशन योजनाओं को लागू करने का फैसला लिया है। वित्त विभाग ने इस फैसले के पीछे की वजह बताते हुए कहा कि कुछ संस्थाएं वित्तीय दृष्टि से कमजोर हैं और उनका पेंशन दायित्व निभाने की क्षमता नहीं है। राज्य सरकार ने कहा है कि जिन संस्थाओं के पास पर्याप्त पेंशन फंड नहीं हैं, वे ओपीएस लागू नहीं कर पाएंगी। इन संस्थाओं को "जीपीएफ लिंक्ड पेंशन स्कीम" (ओपीएस) की जगह एनपीएस, सीपीएफ या ईपीएफ व्यवस्था अपनाने का आदेश दिया गया है। इसके अलावा, वित्त विभाग ने यह भी आदेश दिया है कि अगर किसी संस्था की वित्तीय स्थिति कमजोर है, तो वहां कर्मचारियों या पेंशनरों से जो योगदान लिया गया है, वह पूरी राशि ब्याज सहित लौटाई जाएगी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...

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