BENGALURU. भारत के चंद्रयान मिशन के नाम एक और रिकॉर्ड दर्ज हो गया है। चंद्रयान-3 ने चांद पर पहुंचने के पांचवें दिन दूसरा ऑब्जर्वेशन भेजा है। इसके मुताबिक चांद के साउथ पोल पर सल्फर की मौजूदगी है। इसके अलावा चांद की सतह पर एल्युमीनियम, कैल्शियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटेनियम की मौजूदगी का भी पता चला है। मंगलवार को प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ऑक्सीजन की खोज की है। यह काम रोवर प्रज्ञान में लगे पेलोड के लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोपी यानी LIBS ने किया है। अब रोवर प्रज्ञान चंद्रमा पर हाइड्रोजन की खोज कर रहा है। अगर प्रज्ञान चंद्रमा पर हाइड्रोजन की खोज कर लेता है तो चंद्रमा पर पानी बनाना इंसान के लिए आसान हो जाएगा।
चंद्रयान-3 का यह पहला इन-सीटू एक्सपेरिमेंट
यह चंद्रयान-3 का पहला इन-सीटू एक्सपेरिमेंट था। LIBS चंद्रमा की सतह पर तेज लेजर किरणों को फेंकता है और फिर उनसे मिलने वाले डाटा का एनालिसिस करता है। ये किरणें जब सतह पर गिरती हैं तो गर्म प्लाज्मा पैदा होता है। प्लाज्मा से निकलने वाली रोशनी यह बताती है कि सतह पर कौन सा खनिज या रासायनिक तत्व मौजूद है।
Chandrayaan-3 Mission:
In-situ scientific experiments continue .....
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
— ISRO (@isro) August 29, 2023
क्या करेंगे दो पेलोड
- लेजर इंड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप: यह एलिमेंट कंपोजिशन की स्टडी करेगा। जैसे- मैग्नीशियम, अल्यूमिनियम, सिलिकन, पोटैशियम, कैल्सियम, टिन और लोहा।