विदेशी पशु-पक्षियों का पंजीयन जरूरी, रजिस्ट्रेशन के बिना रखना अपराध, होगी कार्रवाई

विदेशी पशु-पक्षियों को पालने के लिए वन विभाग से अनुमति लेना अनिवार्य हो गया है। 31 अगस्त तक परिवेश पोर्टल पर पंजीकरण की जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने पर इसे कानून अपराध माना जाएगा।

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Amresh Kushwaha
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बिना सूचना विदेशी जीवों को पालना अपराध
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विदेशी पशु-पक्षियों को पालने ( Keeping Exotic Pets ) वाले लोगों के लिए जरूरी खबर है। अब आपको इनके पालन के लिए वन विभाग से अनुमति ( Forest Department Permission ) लेनी होगी। इसके लिए आपको 31 अगस्त तक वन विभाग के परिवेश पोर्टल पर उनके पंजीकरण ( Registration of Exotic Animals ) की जानकारी देनी होगी। ऐसा न करने पर वन विभाग की ओर से आप पर कार्रवाई की जा सकती है। पंजीकरण के बिना विदेशी जीव-जंतुओं को पालना अब अपराध माना जाएगा।

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परिवेश पोर्टल पर देनी होगी जानकारी

जंगली जानवर और पक्षी वन विभाग की संपत्ति हैं। उनकी देखभाल करना वन विभाग की जिम्मेदारी है। यह चाहे भारत में पैदा हुए जानवर हों या विदेश से आए प्रवासी जानवर और पक्षी, जिन्हें कोई भी व्यक्ति पालता है। अब प्रवासी पक्षियों और जानवरों के बारे में जानकारी देना अनिवार्य हो गया है। 31 अगस्त तक ऐसे लोगों को परिवेश पोर्टल (Parivesh Portal) पर यह जानकारी अपलोड करनी होगी। केंद्र और राज्य सरकार ने इनकी जानकारी रखने के लिए परिवेश पोर्टल शुरू किया है।

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जानें क्या है परिवेश पोर्टल

यह एक वेब-आधारित प्लेटफॉर्म है जो वन, पर्यावरण और वन्य जीव-जंतुओं से संबंधित प्रस्तावों की ऑनलाइन निगरानी और डेटा को संरक्षित करने की सुविधा प्रदान करता है। इसका उद्देश्य सरकार को उन प्रस्तावों पर नजर रखने में मदद करना है, जो ऑनलाइन प्रस्तुत किए जाते हैं। यह केंद्र, राज्य और जिला स्तरों के लिए इकलौती प्रणाली है, जो एक ही स्थान पर सभी जानकारी को संरक्षित करती है। कोई व्यक्ति किसी जीव या जंतु का पालक है, तो उन्हें इसकी जानकारी पोर्टल पर दर्ज करनी होगी।

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जानवरों से फैलने वाले संक्रमण को रोकने में मिलेंगी मदद

जिन विदेशी पक्षियों और जानवरों (Keeping Exotic Animals) को लोग अक्सर पालते हैं, उनमें इगुआना, लव बर्ड, अफ्रीकी तोते, मार्मोसेट्स जैसे पालतू विदेशी जानवर शामिल हैं। इस पोर्टल के माध्यम से सरकार यह जानकारी प्राप्त कर सकती है कि कौन से पक्षी या जानवर घर में रखे गए हैं, उनकी प्रजाति क्या है और उनकी स्थिति क्या है। सरकार इस जानकारी को पोर्टल के माध्यम से प्राप्त कर सकती है। इसके साथ ही अधिकारी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से इसकी समीक्षा कर सकते हैं।

इससे यह सुनिश्चित किया जा सकेगा कि कोई संक्रमण किसी जीव-जंतु से फैलता है, तो सरकार के पास जीव-जंतुओं से संबंधित पूरा डेटा उपलब्ध होगा, जिससे उन्हें इसके प्रसार को नियंत्रित करने में तत्काल मदद मिलेगी।

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जीव-जंतुओं को बिना पंजीकरण पालना अपराध

वन विभाग के डीएफओ एमएस उईके ने सूचित किया है कि यदि कोई व्यक्ति विदेशी पक्षियों या जानवरों को पालना चाहता है या पहले से पाल रहा है, तो उन्हें 31 अगस्त तक परिवेश पोर्टल पर इसकी जानकारी दर्ज करनी होगी। यदि कोई व्यक्ति जानकारी छिपाकर जानवर या पक्षी को पालता है, तो वन विभाग उसके खिलाफ कार्रवाई करेगा। विदेशी पक्षियों और जीव-जंतुओं को बिना पंजीकरण के रखना अब अपराध माना जाएगा।

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