बिलासपुर के चर्चित शराब कारोबारी अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार ने चांटीडीह इलाके में एक तालाब को मिट्टी डालकर पाट दिया था, जिससे तालाब का अस्तित्व खतरे में आ गया। वर्षों तक इस पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, लेकिन कलेक्टर अवनीश शरण के संज्ञान में आते ही इस मुद्दे पर कार्रवाई का आदेश दे दिया गया। उनके निर्देश पर एसडीएम पीयूष तिवारी ने परिवार पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाते हुए तालाब को उसके मूल स्वरूप में बहाल करने के आदेश दिए हैं।
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तालाब पर कब्जे का मामला और जुर्माना
तालाब को पाटने का आरोप अमोलक सिंह भाटिया और उनके परिवार के सदस्यों पर है। बताया गया कि चांटीडीह स्थित खसरा नंबर 7 के 0.50 एकड़ तालाब क्षेत्र को मिट्टी डालकर मैदान में बदल दिया गया था। एसडीएम ने छत्तीसगढ़ भू राजस्व संहिता, 1959 की धारा 242 का उल्लंघन पाते हुए धारा 253 के तहत दंडनीय अपराध मानकर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया है।
साथ ही आदेशित किया गया है कि तालाब की मिट्टी हटाकर उसे सात दिनों के अंदर उसकी मूल स्थिति में लाया जाए। यदि ऐसा नहीं हुआ, तो प्रशासन खुद तालाब की खुदाई कराकर इसका खर्चा भी संबंधितों से वसूलेगा।
तहसीलदार के जांच प्रतिवेदन और मौके पर जाकर तीन गवाहों के बयानों से यह पुष्टि हुई कि तालाब को पाटकर मैदान बना दिया गया है। जांच के दौरान पता चला कि इस भूमि का हिस्सा धार्मिक रूप से भी तालाब के रूप में दर्ज है।
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प्रशासन की सख्त चेतावनी
इस कार्रवाई से प्रशासन ने स्पष्ट कर दिया है कि प्राकृतिक संसाधनों और सार्वजनिक भूमि पर अवैध कब्जों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। कलेक्टर अवनीश शरण और एसडीएम पीयूष तिवारी की इस कार्रवाई को क्षेत्र में सराहा जा रहा है।
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