/sootr/media/media_files/2024/12/05/gsuCBXYSg07kHNGLxFTH.jpg)
Section 317 of BNS imposed on bullion traders in Raipur : चोरी, लूट की वारदातों पर लगाम लगाने के लिए छत्तीसगढ़ में पहली बार सराफा व्यापारियों पर प्रेशर बनाया जा रहा है। प्रेशर भी ऐसा- वैसा नहीं, सीधे उम्र कैद वाला है। जिस हिसाब से पुलिस ने पिछले दिनों सराफा व्यापारियों पर केस दर्ज किए हैं, उससे यह साफ है कि पुलिस चोरी करने वालों से ज्यादा चोरी का माल खरीदने वालों पर सख्त हो रही है। छत्तीसगढ़ में पहली बार सराफा कारोबारियों के खिलाफ ऐसी धाराओं में केस दर्ज किया गया है, जिसमें उम्र कैद तक की सजा होगी।
कोरोना काल में बनाए 98-99%... अब सरकारी नौकरी में बन रहे रोड़ा
अबूझमाड़ जंगल में नक्सलियों ने फोर्स को घेरा..दोनों तरफ से फायरिंग
संगठित अपराध की धाराओं के तहत कार्रवाई
चोरी का माल खरीदने वालों पर पुलिस ने पहली बार संगठित अपराध की धाराओं के तहत कार्रवाई की है। पुलिस ने चोर गिरोह से जुड़े तीन सराफा व्यापारियों पर बीएनएस की धारा 317 के तहत कार्रवाई की है। इस मामले में उम्र कैद तक की सजा का प्रावधान है।
ये तीन सराफा व्यापारी हैं मुंगेली के जयकुमार सोनी, तख्तपुर के राजेश कुमार सोनी और रायपुर के भूषण कुमार के खिलाफ बीएनएस की धारा के तहत केस दर्ज किया गया है। पुलिस ने चोरी का माल कमीशन लेकर बिकवाने वाले पांच और आरोपियों के खिलाफ भी बीएनएस की धारा के तहत केस दर्ज किया है।
CEO ने 10 सचिवों को भेजा नोटिस, जानिए वजह...
महिला जज को नौकरी से हटाया तो वकील बन खुद लड़ा अपना केस...अब फिर से जज
पहले इन धाराओं के तहत होती थी कार्रवाई
पहले चोरी का माल खरीदने वालों पर आईपीसी की धारा 411 के तहत कार्रवाई की जाती थी। इसमें सजा चोर से बरामद किए गए माल के आधार पर तय होती थी, लेकिन नए कानून के मुताबिक धारा 411 की जगह धारा 317 का प्रावधान किया गया है। इसमें उम्र कैद की सजा के साथ ही जुर्माने का भी प्रावधान है।
दो साल में ये रहा रायपुर में अपराधों का आंकड़ा
छत्तीसगढ़ में लूट और चोरी के लिए की गई चाकूबाजी, मारपीट तथा नकबजनी की वारदातें लगातार बढ़ती जा रही हैं। अकेले राजधानी रायपुर में ही इन अपराधियों के हौंसले बुलंद हैं। यही कारण है कि पुलिस चोरों के साथ साथ सराफा व्यापारियों पर भी दबिश डाल रही है।
राजधानी में इन वारदातों का आंकड़ा
मारपीट | 5645 |
चोरी नकबजनी | 3367 |
चाकूबाजी | 0273 |
टोटल | 9285 |
सरकार के सामने इस तरह के अपराधों को रोकना बड़ी चुनौती है। यही कारण है कि सरकार ने सख्त कार्रवाई करने के लिए पुलिस को फ्री हैंड दे दिया है।
FAQ