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Photograph: (the sootr)
जयपुर में दो नगर निगम को एक करने पर सरकार ने दिया जवाब, कहा-याचिका का उद्देश्य राजनीतिक, ना कि जनहित
जयपुर नगर निगम को वापस एक करने के सरकार के 27 मार्च के आदेश के खिलाफ दायर जनहित याचिका पर राजस्थान सरकार ने जवाब पेश कर दिया है। महाधिवक्ता की ओर से पेश जवाब में कहा है कि याचिकाकर्ता आरआर तिवाड़ी कांग्रेस पार्टी के जिलाध्यक्ष और सक्रिय राजनीतिज्ञ हैं। वे 2023 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के उम्मीदवार रहे हैं। ऐसे में जयपुर के दो नगर निगमों को पुन: एक करने में कोई जनहित नहीं, बल्कि व्यक्तिगत राजनीतिक हित हैं। सरकार के फैसले से याचिकाकर्ता के संवैधानिक और कानूनी अधिकार का हनन नहीं हो रहा। कानूनी तौर पर स्थानीय निकायों का एरिया घटाना या बढ़ाना और मिलाना सरकार का प्रशासनिक काम नहीं है, बल्कि यह विधायी कार्य है। इसलिए कोर्ट के पास न्यायिक समीक्षा का सीमित दायरा है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के पीए नितिन सांगवान बने अलवर डेयरी के चेयरमैन, साधा जातीय समीकरण
आखिरकार केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव के निजी सहायक आईआईटियन नितिन सांगवान सोमवार को अलवर सरस डेयरी से जुड़े जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ लिमिटेड के चेयरमैन चुने गए। इस निर्वाचन के साथ केंद्रीय मंत्री और अलवर सांसद भूपेंद्र यादव ने जाट समुदाय को साधा है। सांगवान के डायरेक्टर चुने जाने के बाद से माना जा रहा था कि वे ही अलवर डेयरी के चेयरमैन होंगे। उनका निर्वाचन निर्विरोध हुआ। इससे पहले सुबह आईआईटियन सांगवान ने अपना नामांकन दाखिल किया। इस चुनाव में कांग्रेस बैकफुट पर रही। उसने चुनाव में चेयरमैन पद के लिए कोई उम्मीदवार नहीं उतारा। पर्चा भरने के तय समय 11 बजे तक अन्य कोई आवेदन जमा नहीं हुआ। निर्वाचन अधिकारी ने निर्धारित समय निकलने के बाद सांगवान को सरस डेयरी का चेयरमैन घोषित कर दिया। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव घोषित : 11 नवंबर को मतदान, 14 को आएंगे नतीजे, चुनाव आयोग का ऐलान
चुनाव आयोग ने राजस्थान के बारां जिले की अंता विधानसभा सीट पर उपचुनाव की तारीख का ऐलान कर दिया है। अंता में मतदान 11 नवंबर को होगा, जबकि मतगणना व नतीजे 14 नवंबर को घोषित होंगे। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में बिहार विधानसभा चुनाव की तारीख घोषित करने के दौरान यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि दोनों राज्यों में मतदाता सूची को एसआईआर के तहत अपडेट किया गया है। जिन मतदाताओं के नाम छूट गए हैं, वे नामांकन से 10 दिन पहले तक सूची में शामिल करवा सकते हैं। अंता में से बीजेपी विधायक कंवरलाल मीणा की विधानसभा सदस्यता रद्द होने के कारण सीट खाली हुई है। कंवरलाल को 2005 में उपसरपंच चुनाव के दौरान एसडीएम पर पिस्तौल तानकर धमकी देने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में तीन साल की सजा हुई थी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
SMS Hospital Fire : सुपरिटेंडेंट का दावा-आग लगने से नहीं हुई मौत, पहले से ही सीरियस चल रहे मरीजों की गई जान
राजस्थान के जयपुर के एसएमएस अस्पताल में आग लगने और 8 मरीजों की मौत पर अस्पताल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुशील कुमार भाटी ने आग लगने से मौत नहीं होने का अजीब दावा किया है, जबकि आईसीयू प्रभारी डॉ. जगदीश मोदी तथा ट्रॉमा सेंटर प्रभारी डॉ. अनुराग धाकड़ के बयानों से मौतें आग लगने के कारण होना प्रतीत होता है। डॉ. भाटी के अनुसार, रविवार रात करीब 11:30 बजे शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। जैसे ही धुआं फैला तो वहां के स्टाफ ने तुरंत सभी को सूचित कर दिया था और 15 से 20 मिनट में फायर बिग्रेड भी आ गई थी। आग न्यूरोसर्जरी आईसीयू में लगी थी, जिसमें 11 मरीज थे। कांच तोड़कर उन्हें फौरन दूसरे वार्ड और आईसीयू-2 में शिफ्ट कर दिया था। डॉ. भाटी के अनुसार, मरने वाले सभी मरीज पहले से ही सीरियस थे। इसी कारण ही उनकी मौत हुई है यानी आग के कारण किसी की अलग से मौत नहीं हुई। धुएं के कारण मरीजों को शिफ्ट किया गया, तब उनकी स्थिति गंभीर थी। आग के कारण मौत नहीं हुई है। मरीज पहले ही क्रिटिकल थे और कुछ मौत जो गैस निकली, उसके कारण हुई हैं। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
पीएम दे रहे एक पेड़ मां के नाम लगाने का नारा, राजस्थान में सोलर कंपनियों ने काट डाली 26 लाख से अधिक खेजड़ी
एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक पेड़ मां के नाम लगाने का नारा दे रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ राजस्थान के राज्य वृक्ष खेजड़ी को खत्म करने का अभियान चल रहा है। पश्चिमी राजस्थान में ग्रीन एनर्जी के नाम पर खेजड़ी व दूसरे पेड़ों की बलि ली जा रही है। सालों साल पुराने बड़े-बड़े पेड़ों को मशीनों के जरिए धराशायी कर दिया गया। राजस्थान में कांग्रेस और भाजपा सरकारों ने लाखों बीघा कृषि भूमि सोलर कंपनियों को सस्ती दरों पर बांटी। एक दशक से भी अधिक समय में कंपनियों ने सोलर पैनल लगाने के लिए एक अनुमान के मुताबिक 26 लाख खेजड़ी व दूसरे पेड़ों को काटा डाला। पेड़ों से अधिक रेगिस्तानी झाड़ियों को नष्ट कर दिया। अब भी पेड़ों की कटाई जारी है। खेजड़ी राज्य वृक्ष है और पेड़ काटने पर प्रतिबंध है, लेकिन कानून में नाममात्र के जुर्माने की सजा के कारण कंपनियों को कोई डर नहीं है। जनता का विरोध न सरकार को दिख रहा है और ना ही प्रशासन को। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान की शिक्षा व्यवस्था बेपटरी : 8 हजार स्कूलों में एक भी लेक्चरर नहीं, कई जगह उप प्राचार्यों की हो गई भरमार
राजस्थान शिक्षा विभाग ने दीपावली से पहले 11,838 व्याख्याताओं को उप प्राचार्य बना दिया है, लेकिन इन नियुक्तियों से प्रदेश के स्कूलों की स्थिति बिगड़ गई है। ये अब पुराने स्कूलों में ही तैनात किए गए हैं, जिससे कई स्कूलों में उप प्राचार्यों की संख्या अधिक हो गई है। कहीं तीन, कहीं पांच और कहीं सात उप प्राचार्य एक ही स्कूल में बैठते हैं, जिससे शिक्षण प्रक्रिया प्रभावित हो रही है। यह केवल नया मामला नहीं है; मई 2025 में भी 4,100 लेक्चरर की उप प्राचार्य पद पर पदोन्नति हुई थी लेकिन उनकी काउंसलिंग अब तक नहीं हुई है। जमीनी हालत यह है कि राज्य के लगभग 8,000 स्कूलों में किसी विषय के लेक्चरर की नियुक्ति नहीं है। खासकर, माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर के स्कूलों में सैकंड और थर्ड ग्रेड शिक्षक बारहवीं कक्षा की पढ़ाई संभाल रहे हैं। इससे छात्रों की पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ा है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान में बिजली कंपनियों का खेल : प्रति यूनिट बिजली सस्ती की, लेकिन बढ़ गया बिजली का बिल
राजस्थान में राज्य सरकार की बिजली निगमों द्वारा लागू किए गए नए टैरिफ आदेश ने प्रदेश के विभिन्न उपभोक्ताओं पर महत्वपूर्ण असर डाला है। इसका सबसे बड़ा असर मध्यम वर्ग और बड़े उद्योगों पर पड़ा है। घरेलू उपभोक्ताओं के के लिए एक ओर 15 पैसे प्रति यूनिट बिजली सस्ती हुई है, वहीं दूसरी ओर स्थायी शुल्क में 350 रुपए की वृद्धि हुई है। इसके परिणामस्वरूप, 400 यूनिट बिजली खपत करने वाले औसत मध्यम वर्ग के उपभोक्ताओं का बिजली बिल 490 रुपए तक बढ़ सकता है। राज्य के सरकारी बिजली निगमों द्वारा जारी किए गए नए टैरिफ आदेश का सबसे ज्यादा असर उन उपभोक्ताओं पर पड़ा है, जिनकी मासिक खपत 300 से यूनिट से ज्यादा है। पहले 400 यूनिट खपत पर 7.65 रुपए प्रति यूनिट की दर से बिल आता था, लेकिन अब यह दर घटाकर 7 रुपए प्रति यूनिट कर दी गई है यानी 65 पैसे प्रति यूनिट की राहत मिली है। इसके बावजूद बिल ज्यादा आएगा क्योंकि स्थाई शुल्क बढ़ गया है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
धर्म परिवर्तन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन : ईसाई समुदाय का आरोप, प्रार्थना सभाओं को बनाया जा रहा निशाना
राजस्थान की राजधानी जयपुर में रविवार को शहीद स्मारक पर ईसाई समुदाय के नेताओं और दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं ने धर्म परिवर्तन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने ईसाई समुदाय के खिलाफ हिंसा और डराने-धमकाने की घटनाओं के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग की। नेताओं ने आरोप लगाया कि 9 सितंबर से अब तक अलवर, जयपुर, श्री गंगानगर और अन्य आठ जिलों में हिंसा, पूजा में बाधा डालने और धमकाने की दर्जनभर घटनाएं सामने आई हैं। उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन विधेयक के कारण ईसाई समुदाय को गलत तरीके से निशाना बनाया जा रहा है। विशेष रूप से प्रार्थना सभाओं को व्यवस्थित रूप से बाधित किया जा रहा है, जिसके कारण समुदाय को परेशानी हो रही है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
एमपी की दवा में मिला जहरीला केमिकल डाईएथिलीन ग्लाइकॉल राजस्थान की दवा में नहीं, फिर कैसे हुई बच्चों की मौतें?
राजस्थान में कफ सिरप पीने से 4 बच्चों की मौत के मामले ने पूरे राज्य में हड़कंप मचा दिया है। एक कंपनी की कफ सिरप सवालों के घेरे में हैं हालांकि, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने चारों बच्चों की मौत के लिए अलग-अलग कारणों का हवाला दिया है। इस बीच स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख सचिव IAS गायत्री राठौड़ ने मामले की विस्तृत जांच की बात कही है। दूसरी ओर, मध्य प्रदेश में बच्चों की मौत का कारण बताया जा रहा है कि कोल्ड्रिफ कफ सिरप में 48.6% डाईएथिलीन ग्लाइकॉल की मिलावट थी। दूसरी तरफ राजस्थान में कफ सिरप के 6 सैंपल की जांच में ऐसी कोई मिलावट नहीं पाई गई है। इससे सबसे बड़ा सवाल यह उठता है कि अगर राजस्थान में कफ सिरप की जांच रिपोर्ट सही है तो फिर सरकारी अस्पतालों में इसके वितरण पर रोक क्यों है? क्या कफ सिरप में वास्तव में खतरनाक केमिकल डाईएथिलीन ग्लाइकॉल था? और जब जांच रिपोर्ट में कुछ गलत नहीं मिला तो फिर नए मामले क्यों सामने आ रहे हैं? इस रहस्य से पर्दा उठना चाहिए। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
वसुंधरा राजे के बयान से बढ़ी सियासी हलचल, जानें क्या बोलीं राजस्थान की पूर्व सीएम
राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने हाल ही में एक पुस्तक विमोचन समारोह में एक दिलचस्प बयान दिया। उन्होंने कहा कि कई लोग बाहर से पतले दिखते हैं, लेकिन उनमें अंदरूनी चर्बी है, जो सबसे ज्यादा खतरनाक है। यह बयान डॉ. अबरीश मित्तल की पुस्तक 'द वेट लॉस रिवॉल्यूशन' (The Weight Loss Revolution) के विमोचन अवसर पर दिया गया था। राजे के इस बयान ने राजनीतिक और सामाजिक हलकों में कई चर्चाओं को जन्म दिया। कुछ लोग इसे उनके अंदर छुपे आक्रोश के रूप में देख रहे हैं, जबकि कुछ इसे एक सामान्य स्वास्थ्य संबंधी टिप्पणी मानते हैं। उनके शब्दों में क्या कोई गहरा राजनीतिक संदेश छुपा था? क्या यह बयान उनकी पार्टी और राजनीतिक विरोधियों के प्रति एक संकेत था? इन सवालों पर चर्चा शुरू हो गई है। वसुंधरा राजे के बयान को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरू हो गई हैं। कई लोग यह मानते हैं कि यह बयान राजनीति से जुड़ा हुआ है, खासकर राजस्थान की सियासत को लेकर। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
पचपदरा रिफाइनरी जुड़ेगी रेल नेटवर्क से, राजस्थान के आर्थिक विकास के लिए भी होगा फायदेमंद
राजस्थान के उत्तर पश्चिम रेलवे के जोधपुर मंडल ने एक महत्वपूर्ण योजना तैयार की है, जिसके तहत पचपदरा रिफाइनरी को रेलवे नेटवर्क से जोड़ा जाएगा। इस योजना की तकनीकी औपचारिकताएं लगभग पूरी हो चुकी हैं और अब इस पर काम तेजी से शुरू होने वाला है। जोधपुर के मंडल रेल प्रबंधक अनुराग त्रिपाठी ने ‘अमृत संवाद’ कार्यक्रम के दौरान इस योजना की जानकारी दी। यह पहल रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि साबित होगी, जो न केवल माल ढुलाई के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाएगी, बल्कि इससे क्षेत्रीय विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। रेलवे नेटवर्क से पचपदरा रिफाइनरी को जोड़ने से माल ढुलाई में वृद्धि होगी, जिससे रेलवे की आमदनी में भी इज़ाफा होगा। यह न केवल रेलवे के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान के आर्थिक विकास के लिए भी फायदेमंद होगा। जैसे-जैसे रिफाइनरी से माल का परिवहन बढ़ेगा, वैसे-वैसे क्षेत्रीय विकास को भी नया बल मिलेगा। इस परियोजना से रेलवे को नए आय के स्रोत मिलेंगे और स्थानीय उद्योगों के लिए भी यह एक नई दिशा प्रदान करेगा। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
विद्यार्थी विकास कोष से चमकेगा स्कूलों का चेहरा, एक से रंग-रोगन में दिखेंगे राजस्थान के सरकारी स्कूल
राजस्थान में सरकारी स्कूलों की हालत एक बार फिर चर्चा में है। सरकारी स्कूलों के बुनियादी ढांचे की स्थिति में लगातार सुधार की कोशिश की जाती रही है, लेकिन हालिया आदेश में शिक्षा विभाग ने एक नई दिशा तय की है। राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि दीपावली से पहले सभी राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालयों में सफाई, रंग-रोगन, पेंटिंग और मरम्मत कार्य किए जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक IAS सीताराम जाट ने आदेश जारी करते हुए यह कहा कि जिन स्कूलों में विद्यार्थी विकास कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है, उन्हें इन कार्यों के लिए 15 हजार से 2 लाख रुपए तक खर्च करने की अनुमति दी गई है। दीपावली से पहले यह आदेश केवल उन 20,250 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों पर लागू होगा जिनके पास विद्यार्थी विकास कोष में पर्याप्त राशि उपलब्ध है। यह कदम शिक्षा विभाग द्वारा इस क्षेत्र में सुधार करने और विद्यार्थियों के लिए बेहतर माहौल सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
SMS हॉस्पिटल में आग : हादसा या हत्या! सरकार ने बनाई जांच समिति, रिपोर्ट देने की समय-सीमा तय नहीं
राजस्थान के जयपुर स्थित एसएमएस (SMS) अस्पताल में 5 अक्टूबर 2025 की रात आग लगने से आठ मरीजों की जान चली गई। यह घटना न केवल अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाती है, बल्कि प्रदेश सरकार और प्रशासन की लापरवाही की ओर भी इशारा करती है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस घटना के बाद इस मामले की जांच के लिए आयुक्त, चिकित्सा शिक्षा विभाग इकबाल खान की अध्यक्षता में एक उच्चस्तरीय समिति का गठन किया है। हालांकि, जांच समिति के लिए रिपोर्ट पेश करने की कोई समय सीमा तय नहीं की गई है, और न ही इसमें आग लगने के जिम्मेदारों के खिलाफ किसी कार्रवाई का निर्देश दिया गया है। उधर, केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने भी घटना पर शोक जताया है। एसएमएस अस्पताल (sms hospital jaipur) के सुरक्षा गार्ड को इस घटना के दौरान बेसिक फायर फाइटिंग सिस्टम का संचालन करने की जानकारी नहीं थी। यह स्पष्ट रूप से दर्शाता है कि अस्पताल में सुरक्षा और आपातकालीन व्यवस्था के लिए उचित प्रशिक्षण और संसाधनों की कमी थी। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान में लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़, दवाओं के 23 से अधिक बैच के सैंपल फेल
राजस्थान में दवा कंपनियों के 23 से अधिक बैच के सैंपल गुणवत्ता जांच में फेल हो गए हैं, जिससे राज्य में दवाइयों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। खासतौर पर उन दवाइयों में एंटीबायोटिक, इंफेक्शन खत्म करने वाली दवाएं, कार्डियक (cardiac) और अन्य महत्वपूर्ण दवाएं शामिल थीं। इन दवाइयों के सैंपल की रिपोर्ट आने से पहले ही करीब 3 लाख टैबलेट बाजारों में बिक चुकी थीं, जिससे लाखों लोगों की सेहत पर खतरा मंडराने लगा। राजस्थान के चिकित्सा विभाग ने विभिन्न दवाइयों के सैंपल की जांच की, और यह चौंकाने वाला था कि उनमें से कई बैच गुणवत्ता जांच में फेल हो गए। इनमें से कुछ प्रमुख दवाइयों के बैच थे जिनकी जांच में गड़बड़ी पाई गई। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
राजस्थान में एक तरफ अफसरों की कमी, दूसरी ओर पदस्थापन के इंतजार में प्रमोटी IAS
राजस्थान (Rajasthan) में हाल ही में राजस्थान प्रशासनिक सेवा (RAS) के अफसरों को भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS) में पदोन्नति दी गई थी। इसके बावजूद, 3 महीने से अधिक समय बीत जाने के बावजूद, ये अफसर पुराने पदों पर ही काम कर रहे हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि राज्य सरकार ने इन अफसरों को नई पोस्टिंग क्यों नहीं दी है? इस विषय को लेकर ब्यूरोक्रेसी में अंदरखाने नाराजगी बढ़ती जा रही है, लेकिन कोई भी अफसर खुलकर विरोध करने से बच रहा है। राजस्थान में कुल 16 RAS अफसरों को 2024 के लिए आईएएस पदोन्नति के लिए चुना गया था। इसके अलावा, राज्य की अन्य सेवाओं के 4 अफसरों को भी आईएएस में प्रमोशन मिला था। यह प्रमोशन 30 जून 2025 को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण विभाग द्वारा जारी अधिसूचना के तहत हुआ था। लेकिन अक्टूबर माह के आने के बावजूद इन प्रमोटेड अफसरों को नई पोस्टिंग नहीं मिली है। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
जयपुर के SMS हॉस्पिटल में लगी आग, आठ मरीजों की मौत, बनाई जांच समिति
राजस्थान के सवाई मानसिंह अस्पताल के ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में रविवार को देर रात लगी आग ने पूरे राज्य को हिला दिया। इस हादसे में आठ मरीजों की मौत हो गई, जिनमें तीन महिलाएं भी थीं। आग न्यूरो आईसीयू वार्ड के स्टोर में लगी, जहां पेपर, मेडिकल उपकरण और ब्लड सैंपलर ट्यूब रखे थे। सीनियर डॉक्टर और ट्रॉमा सेंटर के नोडल ऑफिसर के मुताबिक, आग शॉर्ट सर्किट से लगने की आशंका है। रात 11:20 बजे आग फैलने लगी, धुआं आईसीयू में भर गया और मरीजों को सांस लेने में कठिनाई होने लगी। 11 मरीज सीधे प्रभावित हुए, जबकि बगल वाले आईसीयू में 13 मरीज थे। SMS हॉस्पीटल में आग हादसे के बाद परिजन मरीजों को बिस्तर सहित अस्पताल के बाहर ले गए। रात के अंधेरे में सड़क पर मरीजों के बिस्तर रख दिए गए और वहीं प्राथमिक उपचार शुरू किया गया। पिंटू (सीकर), दिलीप (जयपुर), श्रीनाथ (भरतपुर), रुकमणि (भरतपुर), कुसमा (भरतपुर), सर्वेश (आगरा), बहादुर (जयपुर) और दिगंबर वर्मा सवाई माधोपुर की जान चली गई। खबर पढ़ने के लिए क्लिक करें...
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